About Swami Ji
अद्वितीय वाग्मी, विनम्रता एवं निरभिमानता की साक्षात् मूर्ति, संघर्षशील तथा समर्पित वैदिक ज्ञान प्रचारक, कुशल पत्रकार, परमार्थी, निःस्वार्थी आर्यनेता, निर्भीक समाज सुधारक, उच्चकोटि के संगठनकर्ता, बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, वैदिक मनीषी, युवा हृदय सम्राट पूज्य स्वामी आर्यवेश जी विद्वान् ही नहीं, लेखक ही नहीं अपितु महर्षि दयानन्द और वैदिक धर्म में अनन्य निष्ठा रखने वाले विशिष्ट गुण सम्पन्न आर्य समाज के ऐसे मूर्धन्य संन्यासी हैं जिनके जीवन व कार्यों से न केवल देश के लोग अपितु विदेशी जन भी अत्यधिक प्रभावित हैं। बी.ए., एल.एल.बी., आनर्स हिन्दी, कई भाषाओं के जानकार तथा भाषा विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त करने वाले श्री जगवीर सिंह एडवोकेट (पूर्व नाम) के नाम से प्रसिद्ध एवं बचपन से ही वैदिक विचारधारा से संस्कारित तथा समाज के समक्ष उत्तम आदर्शों को प्रस्तुत करने वाले स्वामी आर्यवेश जी ने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने का निश्चय करके युवा पीढ़ी को देशभक्त, चरित्रवान तथा आर्य समाज की विचारधारा से ओत-प्रोत करने का संकल्प लिया तथा एक जीवनदानी के रूप में आर्य समाज के युवा संगठन सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद् के माध्यम से अपने आपको लोक कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
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